सोमवार, 23 नवंबर 2009

राये दें

राये दें की सफलता के सही मायने क्या है! की आप कह सकते है की आप सफल व्यक्ती है !

लीखे "deepu.verma2009@gmail.com"

आपकी पर्तेक तिपनी आपके नाम से ब्लॉग मै लीखी जाएगी


या टिप्णी लीखे

बुधवार, 7 अक्तूबर 2009

महफ़िल मे न सही , मधुशाला में तो मिला करो यारो
मिलने से ही बड़ता pरेम, प्यार
किसी से हो जाता है , मिट जाती है
बड़े दुश्मनों की दरारे , सच्चे दोस्तों में
दोस्ती की यही धारा है
महफ़िल मे न सही , मधुशाला में तो मिला करो यारो !!

घर आने का वक्त नही ,३जि से मुलाकात किया करो यारो,
कम मे व्यस्त हो इतने , कोल न सही
एस एम एस पर गल किया करो यारो ।
नये को फुर्सत नही , पुरानो की हाथ लिस्ट नही
पर
एक्स गर्ल फ्रेंड को तो बता लिया करो यारो ।
महफ़िल मे न सही , मधुशाला में तो मिला करो यारो !!

तपत बहुत होगी यहाँ , आप AC के निचे वहा
पर
आपकी याद में सदा बहने वाली हवा से मिला करो यारो ।

गमलों मं वृक्ष सजाने वालो
धरती मैं बिज बो लिया करो यारो ।
गिरते हो प्नच तत्वों को हमेसा
कभी न कभी
इक्कडे कर लिया करो यारो
महफ़िल मे न सही , मधुशाला में तो मिला करो यारो !!

शुक्रवार, 26 जून 2009

सोये हुये मुसाफिर को

सोये हुए इस मुसाफिर को
मिठ्ठी निंदिया में सुलाती वो
छन छनाकर, एक पायल की झंकार
की तरह चलती है वो
भोर के मिठ्ठे स्वपन मे
इस मुसाफिर को सुलाती वो !
मिठ्ठे स्वपन में महबूब आते है
पता नहीं कितनी रंगरलिया मानते है
एक वो होते है और
एक मैं !
चन्द छनो में संसार का सुख पाते है !
क्या बता मे उनकी अदाएं
आदयो पर फ़िदा हु मैं
उनकी एक मुस्कराहट ही तो
बचपन के पल्नियो के
रुक रुक कर के चलते हए
खिलोनो की मिठ्ठी मिठ्ठी आवाज से
माँ के उस प्यार स्व भरी हुई
हिलोरे याद दिलाती वो !
ये वकत यहीं ठहर जाये
सूरज यही रुक जाये
ये धरा स्वर्ग बन जायेगी
फिर कितने आनद आयेगे !
सुबह की ये पवन धारा
सोये हुये मुसाफिर को
मिठ्ठी निंदिया मैं सुलाती वो !!

--
यह कविता मेरे द्वारा लिखी गयी है .
दीपक कुमार वर्मा
पंचारिया कालोनी खाजूवाला
जिला - बीकानेर ( राजस्थान )
फोन नंबर 09928882791