रविवार, 15 अगस्त 2010

कविता एक दोस्त के लिए ---------------- (किरण के लिए )

अब ये कविता उस दोस्त के नाम
जिसको अब तो मेने
न देखा, न जाना, सिर्फ सुना है .
फिर भी तारीफ पन्नो पर लिखने का
उसकी तस्वीर बनाने को
मन किया करता है मेरा !
फिर भी समझ नहीं आती
किस - किस की तारीफ करू उसकी
कागज नहीं मिलेगा, इतनी तारीफ है उसकी !

अगर मै अँधेरे का दीपक तो
मेरी पहली " किरण " है वो
आज मै कवी तो , कविता है वो मेरी !
अब क्या तारीफ करू मै तेरी
ऐसा तो अभी तक
शब्द नहीं डिक्सनरी में मेरी !
खुदा सलामत रखें ......
गुरु का रहे आशीर्वाद सदा
भगवान से करता हु प्राथना
खुश रहें तू हमेशा !!!!
हम दोनों आस पास रहे हमेशा .....................................


आपका दोस्त
दीपक कुमार वर्मा ((9214012330))